इंडिया: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NATIONAL EDUCATION POLICY) के 1 साल पुरे होने के उपलछ में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये पुरे भारत के सारे विद्यार्थी , शिक्षक और एडुकेशनलिस्ट को सम्बोधित करते हुए कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पुरे होने के उपलक्छ में आप सभी को सुभकामनाए देते हुए कहा की पिछले एक साल में राष्ट्रीय शिक्षा निति के सदस्यों के मेहनत से राष्ट्रीय शिक्षा निति उभर कर उपर आई है। नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा निति के एक साल पुरे होने के ख़ुशी में एलान किया की भारत के बिभिन्न आठ राज्यों के चौदह कॉलेजो में कुल पॉँच स्थानीय भाषाओं में बिद्यार्थी अपने इंजीनियरिंग की पढाई पूरी कर पाएंगे।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉन्फ़्रेंसिंग में स्पष्ट करते हुए कहा की जिन 5 स्थानिय भाषाओं में 8 राज्यों के 14 कॉलेजो में पढाई सुरु होंगे वो है हिंदी, मराठी, तमिल, तेलगु, और बंगाली। नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा की एक ऐसी टूल बनाई गई है जिससे इंजीनियरिंग के कोर्स को 11 अलग अलग भारतीय रीजनल भाषाओं में ट्रांसलेट कर देगी जिससे की लोकल भाषा पे पकड़ या अंग्रेजी कमजोर होने के कारण इंजीनियरिंग के सपने को अधूरा छोर रहे विद्यार्थियों के लिए बरदान साबित होगी। नरेंद्र मोदी ने ये अस्वासन देते हुए कहा की राष्ट्रीय शिक्षा निति बिद्यार्थियो के बढ़ते उमीदो और मनोबल के साथ हमेसा खड़ा है। मोदी जी ने आगे युथ बर्ग को सुझाव देते हुए कहा की उन्हें विश्व से एक कदम आगे की सोचने की जरुरत है।

राष्ट्रीय शिक्षा निति क्या है
राष्ट्रीय शिक्षा निति (National Educational Policy) को कैबिनेट ने 20 जुलाई 2020 को मंजूरी दी थी। जोकि शिक्षा नीति 1986 के जगह लागु किया गया।
इसकी नीति के अनुसार भारत में रहने वाले निवासियों को शिक्षा के छेत्र में बराबरी और उम्मदा शिक्षा मिलेगी साथ ही किसी भी जन को किसी भी भाषा में शिक्षा लेने की आज़ादी होगी।
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