कुशीनगर: ग्रामीण छेत्रो में आशा कार्यकर्ता/ संगिनी की जरुरत और कार्य को बताने की आवस्यकता सायद ही है। एक व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक किसी न किसी रूप से सहयोगी आशा संगिनियों को आज सरकार की जब सहयोग की जरुरत पड़ी है तब सरकार ने उनकी समस्याओ को जैसे अनदेखा कर रही हो। यह घटना है कुशीनगर जिला स्थित फाजिलनगर शहर स्थित CHC(COMMUNITY HEALTH CENTRE) की जहा 28 अक्टूबर आशा कार्यकर्ता /संगिनी ने अपने मांगो को लेकर धरना देती दिखी। इस धरना के अंतर्गत सभी उत्तरप्रदेश आशा संगिनी अपने मांगो पे डटी दिखी। इनकी मांगो की कॉपी निचे देख सकते है।

आशा संगठन के अध्यछ श्रीमती चंदा यादव और गोरख्पुर संसद रवि किशन जी साथ 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री जनता दरबार में अपनी मांगो/ समस्याओ पर ज्ञापन दिया , जिसपर वार्तालाप पश्च्यात अस्वासन दिया गया की 3 दिन बाद यानि 19 अक्टूबर तक खुसखबरी मिल जाएगी। दिए दिनांक पर कुछ खबर न मिलने पर सभी आशा कर्मी माननिय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आगमन पे उम्मीद लगाए थी की शायद 20 अक्टूबर को माननीय प्रधानमंत्री महोदय के द्वारा कोई खुसखबरी मिले पर उस दिन भी निराशा हाथ लगी।

आशा कार्यकर्ताओ की बात करे तो बिगत दो वर्षो में जब कोरोना महामारी से पूरी दुनिया सहमी थी उस वक़्त आशा कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना पूरी ईमानदारी , निष्ठा और तत्परता से अपना कार्य किया।
आशा संगठन के ज्ञापन के अनुसार संगठन की कुल 9 माँगे है जिन्हे अगर उत्तरप्रदेश सरकार पूरी ना करेगी तो संगठन समस्त राष्ट्रीय कार्यकर्मो का वहिष्कार करते हुए धरना प्रदर्शन , अनसन करने हेतु बाध्य होंगी। जिसका जिम्मेवार सरकार होगी।
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