तो इसलिए लगातार बढ़ रहीं हैं तेल की कीमत
तो इसलिए लगातार बढ़ रहीं हैं तेल की कीमत
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इंडिया : कोरोना काल में आम आदमी के लिए परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है एक तरफ कोरोनावायरस दूसरी तरफ महगाई की तलवार लटकी हुई है अब लोगों की रसोई तक महगाई की आंच पहुंच चुकी है पेट्रोल और डीजल की कीमतो के साथ खाने के तेल की कीमतें भी आसमान छू रही है सोशल मीडिया पर भी लोग खाने के तेल के बढ़े हुए दाम से खासे नाराज हैं

लोग कह रहे है की जनता महगे पेट्रोल डीजल पर लड़ती रही और बाजी सरसों का तेल मर ले गया दरअसर पिछले कुछ महीनों में खाने के तेल के दाम पेट्रोल और डीजल के दामों से भी आगे निकल सरकारी आंकड़ों की माने तो पिछले साल मई में 1 लीटर तेल का दाम 90 रुपये था 

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जो ये आज ₹200 के पार पहुंच गया है बाजार में 1 लीटर सरसों के तेल की बोतल की डिटेल कीमत ₹214 यानी पिछले साल के मुकाबले इस साल सरसों तेल की कीमत में 30 से 48 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है तो वहीं सभी तेल की औसत कीमतें पिछले साल की तुलना में करीब 50 की थी बड़ी है सिर्फ सरसों तेल की मूंगफली, बनस्पति, सोयाबीन, सूरजमुखी,पाम आयल के दामों में लगातार तेजी आई है 

भारत में इन देशो 70% खाने की तेल आते है

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देशभर में इन तीनों की औसत मासिक खुदरा कीमतें जनवरी 2010 के बाद से उच्चतम स्तर पर खाने के तेल की कीमतों में पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी आई थी और भारत में इम्पोर्ट वाली स्टॉक काफी कम मात्रा में बचे थे इस वजह से दाम बढ़ गए आपको बता दें कि 70% की खाने के तेल इंडोनेशिया मलेशिया ब्राजील और USA जैसे देशों से आते हैं इसलिए भारत में भी तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल की कीमतों पर निर्भर करती है इसके अलावा भी कई कारण है

जिससे पिछले 1 साल में खाने के तेल में तेजी आई मसलन ग्लोबल स्टॉक काम है और माल ज्यादा घरेलू बाजार में भी मांग ज्यादा है और सप्लाई कम है पाम और सोया तेल का बायो डीजल इस्तेमाल बढ़ा गलोबल मार्केट सोयाबीन की जबरदस्त मांग और चीन से मांगने बढ़ने से भी तेजी आई है एक्सपर्ट्स बताते हैं कि भारतीय बाजार में माल की कमी है जैसे ही भारत में माल आना शुरू हो जाएगा दाम अपने आप कम होने लगेंगे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद चर्चा चल रही थी

काम कर सकती है भारत में आयात शुल्क (Import Duty)

की सरकार आयात शुल्क (Import Duty) घटा सकती है हालांकि कुछ लोग इसके पक्ष में नहीं थे उनका कहना था कि अगर आयात शुल्क में कमी की गई तो बाहर का माल जाएगा और किसानों को नुकसान होगा सरकार ने आयात शुल्क पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है एक्सपर्ट्स आयात शुल्क घाटने पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि अभी जो आयात शुल्क (Import Duty) का रेट है वो सही है इम्पोर्टर्स को चाहिए कि वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में काम हुई कीमतों का फायदा उठाएं और विदेशों से ज्यादा माल मगाए  अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा और उन्हें खाने के तेल की कीमतों में तेजी से राहत मिले गी

 

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मेरा नाम समीर कुमार है और मैं मिही न्यूज में आर्टिकल लेखक हूं मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा यह लेख पसंद आया होगा । मेरे लेख के संबंध में आपके पास कोई सुझाव या शिकायत हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।

1 COMMENT

  1. इसके पहले भी Jio ने स्मार्ट फोन लाया था LYF का और नागरिकों को खुब बनाया बुड़बक। अब गूगल के साथ ला रहा है अब क्या करेगा सामने ही आएगा

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