रक्षा क्षेत्र में भारत का एक और बड़ा फैसला, 108 और हथियार देश में होंगे तैयार
रक्षा क्षेत्र में भारत का एक और बड़ा फैसला, 108 और हथियार देश में होंगे तैयार
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इंडिया : रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भर बनने की हुंकार महेज कोरी बातें नहीं थी भारतीय ने चुनौती भरे दौर में यह साबित किया कि वह जो कहता है वह करता है और लगातार खुद को मजबूत बनाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ताबड़तोड़ काम भारत कर भी रहा है इसी कड़ी में भारत के रक्षा मंत्री ने एक और बड़ा ऐलान किया जिससे भारत के आत्मनिर्भरता को बल मिलने के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में मजबूती हासिल होगी घरेलू क्षेत्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अगली पीढ़ी के कॉर्बेट हवाई अग्रिम चेतावनी प्रणाली टैंक इंजन और रडार जैसी 108 सैन्य हथियारों और प्रणालियों के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मंजूरी दी है

रक्षा क्षेत्र में 108 वस्तुओं के आयात पर दिसंबर 2021 से दिसंबर 2025 तक प्रतिबंध

इसके पहले भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में ही पिछले साल रक्षा आयात के लिए जारी पहली नकारात्मक सूची में 101 वस्तुएं शामिल की गई थी जिनका निर्माण भारत में ही अब से होगा। अधिकारियों ने इस से जुड़ी हुई कई अहम जानकारियां साझा की है उन्होंने बताया है कि दूसरी नकारात्मक सूची में शामिल 108 वस्तुओं के आयात पर दिसंबर 2021 से दिसंबर 2025 तक प्रतिबंध रहेगा ये फैसले आनन-फानन में नहीं हुए बाकायदा इसके लिए चिंतन मंथन हुआ

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बैठकों का दौर चला भागीदारों से बात की गई उद्योग जगत के साथ विचार विमर्श हुआ जिसके बाद यह फैसला किया गया कि एक और नई सूची आएगी जिसमें उन हथियारों का जिक्र होगा जो अब से भारत में ही निर्माण करने होंगे रक्षा आयात के लिए नकारात्मक वस्तुओं की पहली सूची में आर्टिलरी गन,असाल्ट राइफल, लड़ाकू जलपोत, सोनार प्रणाली मालवाहक विमान, हल्के लड़ाकू विमान,और रडार जैसे कुछ ऊंच उपयोगी हथियार प्रणाली शामिल थी

घरेलू उत्पाद को बढ़ावा दे गा भारत सरकार 

अधिकारियों ने कहा कि आयात के लिए दूसरी नकारात्मक सूची को रक्षा मंत्री ने मंजूरी दी है रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि आप निर्भरता की दिशा में पीएम मोदी के आवाहन पर और घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सैन्य मामलों की विभाग द्वारा 108 वस्तु की दूसरी सकारात्मक स्वदेशी करण सूची को अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है मंत्रालय ने कहा कि सभी 108 वस्तुओं का रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 के प्रावधानों के अनुसार स्वदेशी सूत्रों से खरीदा जाएगा पिछले कुछ सालों में सरकार ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं रक्षा मंत्रालय की नई रक्षा खरीद नीति में रक्षा विनिर्माण कारोबार 2025 तक 1.75 लाख करोड़ होने का अनुमान है

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मेरा नाम समीर कुमार है और मैं मिही न्यूज में आर्टिकल लेखक हूं मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा यह लेख पसंद आया होगा । मेरे लेख के संबंध में आपके पास कोई सुझाव या शिकायत हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।

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