बिहार: भारत के राष्ट्रपति (president) श्री रामनाथ कोविंद के तीनदिवसीय बिहार यात्रा का आखरी दिन हुआ समाप्त , 22 अक्टूबर को दिल्ली लौटने से पहले पुरे पटना शहर का दौरा किया जिसके लिए राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने सुबह लगभग 8:30 बजे पटना सिटी स्थित 10वे सिख गुरु श्री गुरु गोविंद के दरबार गुरुद्वारा में अपना माथा टेका फिर वहा से लौटते वक़्त पटना जंक्शन स्थित पटना महावीर मंदिर की दर्शन किये।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के इस दौरे के कारण पुरे इलाके की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी थी। लोगो के आवा जाहि पर राष्ट्रपति के गुजरने के समय के अनुसार आम नागरिको के आवगामी पे रोक लगा दी गयी थी। लगभग सुबह 8:30 से दोपहर के 12 बजे तक आम जनता को ट्रैफिक रुकने के कारण काफी समस्याओ का सामना करना पड़ा था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बिहार आगमन से बिहार को काफी अच्छी तरह सजाया गया था।
बिहार बिधान सभा के 100वे वर्ष पुरे होने को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोबिंद के आगमन से यादगार के रूप में सराहा जायेगा। बिधान सभा के 100वे वर्षगांठ के उपलक्छ पर श्री कोविंद ने बिहार के कई डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को हरी झंडी भी दिखाई।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने अपने भाषण में कहा की बीहार के रत्नगर्भा धरती और यहाँ के स्नेही लोगो ने हमेसा उन्हें बहुत आकर्षित किया है। राष्ट्रपति ने अपने भाषण में श्री सचिदानंद सिन्हा जी का जिक्र करते हुए कहा की उनके प्रयासों का परिणाम तीन चरणों में प्राप्त हुए थे , पहली चरण में बिहार व उड़ीसा को बंगाल से पृथक करने का निर्णय। दूसरे चरण में 1919 का govt of india act अस्तित्व में आया जिसके तहत बिहार व उड़ीसा को पूर्ण राज्यों का दर्ज़ा मिला। और तीसरे चरण में 1935 का govt of india act पारित हुआ जिसके तहत बिहार एक अलग राज्य के रूप में स्थापित हुआ।
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