मुंबई: महरानी रानी (Maharani) राबड़ी देवी (Rabri Devi ) हुमा कुरैशी ये चार शब्दो की चर्चा अभी सब से ज्यादा है ये चर्चा Soni Liv आई Web Series, Maharani को ले कर है चर्चा इस लिए भी ज्यादा है क्यों की ये कहा जा रहा है Maharan की पटकथा बिहार के 90 की दौर की है जिस में लालू यादव और राबड़ी देवी की सत्ता थी और Huma Quershi ने राबड़ी देवी का किरदार निभाया है हलाकि अगर आप ने इस Web Series को अब तक नहीं देखा है और बिहार के राजनीती के बारे में आप को ज्यादा पता नहीं हो तो आप भी ये मान लेंगे की Series राबड़ी देवी के ऊपर ही बनाई गई है
Huma Quershi का किरदार राबड़ी देवी जैसा जरूर है लेकिन कहानी राबड़ी देवी की नहीं है Web Series के कुछ सीक्वेंस (Sequence) जरूर ये दिखते है की जिसे देख कर आप को एक बार जरूर लगे गा की राबड़ी देवी को लेकर ये किरदार लिखा गया है। लेकिन कहानी के दूसरे किरदार जो है इसे सिरे से नाकार देते है कहानी लालू या राबड़ी की नहीं लेकिन उस दौर की जरूर है सीरीज में राजनीति तभी की दिखा दी गई है वीर सेना और गरीबो की सेना के जरिये बिहार के उस दौर में भी ले जाती है जातिये संघर्ष अपने चरम पर था बल्कि नेताओ का भी संरक्षण इन्हे था
क्या है Maharani Web Series की कहानी ?
इस सीरीज की कहानी की बात करे तो साहेब , बीबी और राजनीती की कहानी है जिस में मुख्यमत्री घायल होने पर अपना पद अपनी पत्नी को दे देता है घर का काम काज करने वाली उस की पत्नी मुख्यमत्री बन जाती है और वो अपने पति के भ्रस्टाचार के खिलाफ ही चली जाती है बल्कि अपने सरकार के ऊपर ही जाँच बैठा देती है वही इस सीरीज की किरदारो की बात करे तो इस सीरीज में सब से अच्छी एक्टिंग हुमा कुरैशी है वे ठेठ बिहारी में बोलती नजर आ रही है सीरीज के हर एक एपिसोड के था उनके किरदार में आत्मविश्वास और डेडिकेशन झलकता है आप को देख कर लगे गा की हुमा कुरैशी से बेहतर ही सायद कोई इस किरदार को कर पता
ये है इस Maharani वेब सीरीज कुछ मुख्य किरदार
वही भीमा भर्ती के रोल में सोहम शाह, अमित सियाल, कनी कुसरुति, प्रमोद पाठक ने भी अपने किरदार को काफी अच्छे से किया है सुभाष कपूर की भी तारीफ करनी बनती है वो पहले से ही कई राजनीतिक पर आधारित फिल्मे दिखा चुके है ऐसे में महारानी सीरीज में उन्होंने इसी अनुभव का निचोड़ निकल दिया है कबीर के दोहे के साथ हर एक एपिसोड की शुरुआत होता है। और फिर कहानी उसी ट्रक पर चलने लगती है
वेब सीरीज को देखने का जो अंदाज है वो दर्सको को जरूर अपनी तरफ खींचने में साबित हुआ है वही हर एपिसोड में कुछ ऐसे डाइलोगइस है जो आप को बांध कर रखेंगे अब सवाल ये है की आपने जिंदगी के 450 मिनट क्यों इस सीरीज को दे और क्या सब कुछ इस में बेहतरीन है ये सीरीज कुछ भाग में तो जरूर कमजोर लगती है जैसे साहेब के किरदार में सोहम शाह, जो एक्टिंग तो किये जा रहे है लेकिन जिस दौर के नेता के तौर पर उन्हें दिखाया गया है
वो कही न कही थोड़ा मिस लगता है आप सीरीज देखते हुवे सीरियस हो जायेंगे कुछ डाइलोगइस की बात करे तो वो दिल जित लेने वाली है लेकिन ऐसे डाइलोगइस आप को हर एक एपिसोड में नहीं मिलने वाले है लेकिन कुल मिला कर देखे तो बेहरीन एक्टिंग और एक सधी हुई कहानी और अच्छी डायरेक्शन के लिए इस सीरीज को समय दिया जा सकता है
नोट :- ये Review आप को कैसी लगी आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के जरूर बताये गा क्या आप को भी लगता है की हुमा कुरैशी का किरदार राबड़ी देवी को देख कर लिखा गया है इस बारे में भी आप कमेंट जरूर कीजिये गा
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