बिहार : Pawan Singh और Khesari Lal Yadav आपस में लड़ने का ढोंग क्यों कर रहे है ? या सही में वो लड़ रहे है?और दोनों के झगडे में उनके फैन क्यों लड़ रहे ह? दरअसल आम जनता और मीडिया इस चक्कर में लगी पड़ी है कि Pawan Singh और Khesari Lala Yadav में गलत कौन है? और सही कौन है? लेकिन मेरा मानना है कि यह दोनों के दोनों बेवकूफ हैं।
Pawan Singh बोलते हैं कि मैंने बिहार के लिए बहुत कुछ किया है। बिहार के भाषा को आगे बढ़ाया है और बिहार के नाम को आगे बढ़ाया है। पर यह दूर-दूर तक सच नहीं है दरअसल यह दोनों मिलकर आम जनता और अपने फैन को बेवकूफ बना रहे हैं। यह सब पब्लिसिटी स्टंट है, अब आप सोचेंगे कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं? क्योंकि इन दोनों का बैक टू बैक हिंदी गाने आने वाले हैं और इसी वजह से यह दोनों इस तरह के ड्रामे कर रहे हैं ताकि आम जनता का ध्यान इन दोनों पर रहे।
बिहार के फैन इन दोनों के झगड़े में क्यों बेवकूफ बन रही है?

कई न्यूज़ चैनल और कई यूट्यूब चैनल पर यह देखा गया है कि खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) और पवन सिंह (Pawan Singh) के फैन आपस में लड़ रहे हैं। इस बात को लेकर के कौन बड़ा है और कौन छोटा है? कौन सही है और कौन गलत है मैं बिहार के जनता से यह गुजारिश करना चाहूंगा कि आप अपनी समझ बुझ विवेक को खोलें और इन दोनों के आपस के झगड़े में ना पड़े क्योंकि आज से 2 से 3 महीने बाद यह दोनों फिर मिल जाएंगे और किसी बर्थडे किसी पार्टी में केक काटते हुए और हाय हेलो करते हुए मिलेंगे यह दोनों एक ही रहेंगे बस बेवकूफ बनेगी तो बिहार की जनता।
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क्या है असली माजरा Khesari Lal और Pawan Singh के बिच?
Pawan Singh Kheshari Lal कहते हैं कि मैंने बिहार के लिए बहुत कुछ किया है। बिहार की भाषा को आगे बढ़ाया है । ऐसा लगता है कि इन से पहले बिहार को कोई जानता ही नहीं था शायद यह भूल गए हैं कि भिखारी ठाकुर जयप्रकाश नारायण डॉ राजेंद्र प्रसाद जैसे बड़े हस्तिया बिहार की धरती से ही जुड़े है, सभी बिहार के ही थे। Pawan Singh और Khesari Lal Yadav को लगता है जब से यह दोनों भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में आए उसके बाद से ही सब बिहार को जानने लगे। क्या आपको भी ऐसा लगता है कि इन दोनों से पहले बिहार का कोई अस्तित्व नहीं था बिहार का कोइ नाम नहीं जनता था।
मेरा सवाल इन दोनों से यह है कि आपने बिहार के लिए (Pawan Singh Khesari Lal) आप ने किया क्या है ?आप मुझे अपनी उंगली पर गिन कर बताओ क्या आपने बिहार के रोजगार के लिए कुछ योगदान दिया है ? या बिहार में शिक्षा के लिए कुछ योगदान दिया है? या बिहार के किसी भी लचर व्यवस्था के लिए अपने कुछ योगदान या अपनी आवाज उठाई है ? क्या आपने बिहार के लचर व्यवस्था पर कभी भी कोई फिल्म बनाई है ? नहीं आप ज्यादा से ज्यादा अपने फिल्मों में बिहार पुलिस वर्दी पहनकर बिहार की पुलिस व्यवस्था को दिखा रहे हैं?
Pawan Singh और Khesari Lala Yadav स्टारडम उनसे पचा नहीं !
यह दोनों आपस में कुत्ते और बिल्लियों की तरह लड़ रहे हैं दरअसल इन दोनों के स्टारडम पच (हजम) नहीं हो रहा। इन दोनों को दूसरे फिल्म इंडस्ट्री वालों से सीख लेनी चाहिए जिसका एक मिसाल है बेंगलुरु के पुनीत राजकुमार (Puneeth Rajkumar) पुनीत राजकुमार को वहां के लोग भगवान की तरफ पूजते हैं उनके निधन के बाद लोगो के आंख से आंसू निकल गए पुनीत राजकुमार (Puneeth Rajkumar) के लिए लोग रो रहे थे। लेकिन आपने कभी सुना है कि बिहार के किसी भी भोजपुरी एक्टर के लिए कोई फैन रो रहा हो। क्योंकि उन्होंने ऐसा कुछ काम ही नहीं किया जिसकी वजह से बिहार के फैन उनके लिए कोई रोए यह दोनों बिहार के जनता के सेंटीमेंट से खेल रहे हैं।
स्टार और सुपरस्टार कैसा होता है इन्हें साउथ के एक्टर से सीखनी चाहिए, Pawan Singh VS Khesari Lal Yadav
बेंगलुरु के सुपरस्टार पुनीत राजकुमार ने दिखा दिया है कि असली सुपरस्टार कैसा होता है। पुनीत राजकुमार अपनी मौत से पहले 40 फ्री स्कूल 26 अनाथ आश्रम 16 वृद्धा आश्रम 19 गौशाला और अट्ठारह सौ से अधिक बच्चों का पढ़ाई का खर्च और मरने से पहले अपनी दोनों आंख समाज के लिए दान कर दिया। आप बेंगलुरु के किसी भी कोने में चले जाएं पुनीत राजकुमार का फोटो लगा ही मिलेगा।
इसका मतलब यह नहीं कि किसी ऐड के लिए उनका फोटो लगा है। और बिहार में आप कहीं भी किसी भोजपुरी सुपरस्टार का बैनर लगा हुआ देखें तो उसमें किसी ना किसी ब्रांड का ऐड जरूर होगा। शायद आपको फोटो भी ना दिखे पर बिहार के स्व कथित सुपरस्टार अपनी आंख तो छोड़िए एक स्कूल और कॉलेज तक न बनवाए। एक अनाथ आश्रम तक नहीं बनवाया है और यह अपने आप को सुपरस्टार कहते हैं।
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